५. भ्रष्टाचार विरुद्धका मननिय भनाईहरु "कोटेशन" र बिबिध


. भ्रष्टाचार नियन्त्रण र सुशासन बहाली सम्वन्धमा केही मननिय भनाईहरु र स्मरणीय टिपोट समेत                                                                                                             
✍️ वसन्तराज अधिकारी
                        तस्बिर : सिलगढी, डोटी, २०७२ साल 
      

१.घूस लिने र दिने दुवै महाअपराधी हुन् ।  

२.हाम्रो आवाज भ्रष्टाचार मुक्त समाज । 

३. असल कार्यको सह्राहना खराव कार्यको आलोचना गरौ ।

४.सदाचारीलाई सम्मान र पुरस्कार भ्रष्टाचारीलाई दण्ड र तिरस्कार गरौ ।

५.भ्रष्टाचार विरुद्ध कलम चलाऔं ।

६. सार्वजनिक पदमा रहेर उल्लेख्य र असल कार्य नगर्नु भनेको समाज र राष्टकोलागि सवैभन्दा ठूलो बोझ बन्नु सरह हो ।

७. ईमान्दार राष्टसेवकले समाज सामु कहिल्यै शिर झुकाउनु पर्दैन ।

८. भ्रष्टाचार गर्नु सवैभन्दा ठूलो अपराध हो ।
९.हाम्रो काम गराई कसैले पनि औंला नउठाउने खालको हुनुपर्छ ।

१०.सुशासन र सदाचार निजमती सेवाको आधार ।

११.एक भ्रष्टले धेरै सज्जनलाई पनि भ्रष्ट बनाउन सक्छ ।

१२.सार्वजनिक सम्पत्ती प्रत्येक नागरिकको साझा सम्पत्ति हो, यसको दुरुपयोग विरुद्ध खबरदारी गरौ ।

१३.प्रत्येक सचेत नागरिक राष्टको सच्चा पहरेदार हो, भ्रष्ट व्यक्ति राष्ट समाज र परिवारको कलंक हो ।

१४.हाम्रो गाउँ ठाउँको विकास निर्माण कार्य आफ्नै हो भन्ने कुरा नविर्सौ, गुणस्तरीयतावारे चनाखो भई सम्बद्ध पक्षलाई घचघच्याऔं ।

१५.सादा जिवन उच्च विचार यसले ल्याउँछ सुशासनमा निखार ।

१६.भ्रष्टाचारले लाभ पार्छ विलाप ।

१७. भष्टो आर्जित द्रव्यम दश बर्षाणी तिष्ठती ।
      प्राप्ते एकादशे बर्षे समुलम्च विनस्यती ।।

भावार्थ : भ्रष्टाचारबाट आर्जन गरेको धन सम्पत्ति बढीमा दश बर्ष टिक्दछ । एघार बर्ष लागेपछि त्यसबाट आर्जन गरेको व्याज स्याज सहितको धन सम्पत्ति, मान सम्मान सबै विनास हुन्छ भन्ने भनाई रहेको छ ।।

संकलन तथा सम्पादन
बसन्तराज अधिकारी
अनुगमन तथा अनुसन्धान अधिकृत
नेपाल सरकार, राष्ट्रिय सतर्कता केन्द्र, सिंहदरबार, काठमाण्डौं (नेपाल)

                स्रोत/साभार : नेपाल सरकार
                      राष्टिय सतर्कता केन्द्र
                      सिंहदरवार, काठमाण्डौ
                      सुशासन प्रबर्द्धन डायरी

(ख) Quote विविध

corruptution quatations...........

1. corruption quote:

“Corruption is authority plus monopoly minus transparency.”

2. corruption quote:

“The surest way to corrupt a youth is to instruct him to hold in higher esteem those who think alike than those who think differently.”
- Friedrich Nietzsche

3. corruption quote:

“Power tends to corrupt; absolute power corrupts absolutely.”
- Lord Acton

4. corruption quote:

"Power does not corrupt men; fools, however, if they get into a position of power, corrupt power."
- George Bernard Shaw

5. corruption quote:

"Power attracts the corruptible. Absolute power attracts the absolutely corruptible."
- Frank Herbert

6. corruption quote:

"It has often been said that power corrupts. But it is perhaps equally important to realize that weakness, too, corrupts. Power corrupts the few, while weakness corrupts the many. Hatred, malice, rudeness, intolerance, and suspicion are the faults of weakness. The resentment of the weak does not spring from any injustice done to them but from their sense of inadequacy and impotence. We cannot win the weak by sharing our wealth with them. They feel our generosity as oppression."
- Eric Hoffer

7. corruption quote:

"Money is truthful. If a man speaks of his honor, make him pay cash."
- Robert A. Heinlein

® उठो, जागो और तब तक रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये ।
-स्वामी विवेकानन्द

® जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो–उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो। सत्य की ज्योति ‘बुद्धिमान’ मनुष्यों के लिए यदि अत्यधिक मात्रा में प्रखर प्रतीत होती है, और उन्हें बहा ले जाती है, तो ले जाने दो–वे जितना शीघ्र बह जाएँ उतना अच्छा ही है ।
-स्वामी विवेकानन्द

®  तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ। जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते।
-स्वामी विवेकानन्द

® ईश्वर ही ईश्वर की उपलब्थि कर सकता है। सभी जीवंत ईश्वर हैं–इस भाव से सब को देखो। मनुष्य का अध्ययन करो, मनुष्य ही जीवन्त काव्य है। जगत में जितने ईसा या बुद्ध हुए हैं, सभी हमारी ज्योति से ज्योतिष्मान हैं। इस ज्योति को छोड़ देने पर ये सब हमारे लिए और अधिक जीवित नहीं रह सकेंगे, मर जाएंगे। तुम अपनी आत्मा के ऊपर स्थिर रहो।
-स्वामी विवेकानन्द

®  ज्ञान स्वयमेव वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
-स्वामी विवेकानन्द

®  मानव-देह ही सर्वश्रेष्ठ देह है, एवं मनुष्य ही सर्वोच्च प्राणी है, क्योंकि इस मानव-देह तथा इस जन्म में ही हम इस सापेक्षिक जगत् से संपूर्णतया बाहर हो सकते हैं–निश्चय ही मुक्ति की अवस्था प्राप्त कर सकते हैं, और यह मुक्ति ही हमारा चरम लक्ष्य है।
-स्वामी विवेकानन्द

®  जो मनुष्य इसी जन्म में मुक्ति प्राप्त करना चाहता है, उसे एक ही जन्म में हजारों वर्ष का काम करना पड़ेगा। वह जिस युग में जन्मा है, उससे उसे बहुत आगे जाना पड़ेगा, किन्तु साधारण लोग किसी तरह रेंगते-रेंगते ही आगे बढ़ सकते हैं।
-स्वामी विवेकानन्द

®  जो महापुरुष प्रचार-कार्य के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं, वे उन महापुरुषों की तुलना में अपेक्षाकृत अपूर्ण हैं, जो मौन रहकर पवित्र जीवनयापन करते हैं और श्रेष्ठ विचारों का चिन्तन करते हुए जगत् की सहायता करते हैं। इन सभी महापुरुषों में एक के बाद दूसरे का आविर्भाव होता है–अंत में उनकी शक्ति का चरम फलस्वरूप ऐसा कोई शक्तिसम्पन्न पुरुष आविर्भूत होता है, जो जगत् को शिक्षा प्रदान करता है।
-स्वामी विवेकानन्द

®  आध्यात्मिक दृष्टि से विकसित हो चुकने पर धर्मसंघ में बना रहना अवांछनीय है। उससे बाहर निकलकर स्वाधीनता की मुक्त वायु में जीवन व्यतीत करो।
-स्वामी विवेकानन्द

® मुक्ति-लाभ के अतिरिक्त और कौन सी उच्चावस्था का लाभ किया जा सकता है? देवदूत कभी कोई बुरे कार्य नहीं करते, इसलिए उन्हें कभी दंड भी प्राप्त नहीं होता, अतएव वे मुक्त भी नहीं हो सकते। सांसारिक धक्का ही हमें जगा देता है, वही इस जगत्स्वप्न को भंग करने में सहायता पहुँचाता है। इस प्रकार के लगातार आघात ही इस संसार से छुटकारा पाने की अर्थात् मुक्ति-लाभ करने की हमारी आकांक्षा को जाग्रत करते हैं।
-स्वामी विवेकानन्द

®  हमारी नैतिक प्रकृति जितनी उन्नत होती है, उतना ही उच्च हमारा प्रत्यक्ष अनुभव होता है, और उतनी ही हमारी इच्छा शक्ति अधिक बलवती होती है।
-स्वामी विवेकानन्द

® मन का विकास करो और उसका संयम करो, उसके बाद जहाँ इच्छा हो, वहाँ इसका प्रयोग करो–उससे अति शीघ्र फल प्राप्ति होगी। यह है यथार्थ आत्मोन्नति का उपाय। एकाग्रता सीखो, और जिस ओर इच्छा हो, उसका प्रयोग करो। ऐसा करने पर तुम्हें कुछ खोना नहीं पड़ेगा। जो समस्त को प्राप्त करता है, वह अंश को भी प्राप्त कर सकता है ।
-स्वामी विवेकानन्द

®  पहले स्वयं संपूर्ण मुक्तावस्था प्राप्त कर लो, उसके बाद इच्छा करने पर फिर अपने को सीमाबद्ध कर सकते हो। प्रत्येक कार्य में अपनी समस्त शक्ति का प्रयोग करो।

® LLB Full Form is Bachelor of Laws, which is also implied by the Latin term 'Legum Baccalaureus'. LLB is a professional undergraduate degree offered to students who wish to pursue their career in the legal profession. In the Latin language plural form of a word is usually obtained by doubling the first letter.

(ग) These Points are always #memory & #Use for #HappyLife

• "Smile and Silence are two powerful tools. Smile is the way to solve many problems and Silence is the way to avoid many problems."

• "SMALL CURVE OF SMILE ON FACE SOLVES BIG PROBLMS."

• "SMILE A LOT,
IT COST NOTHING."
#Collection #notmycreation                                                                                                                                            सम्पादन तथा संकलन :                                                                                                                                                 📝 वसन्तराज अधिकारी                                                           घोराही उपमहानगरपालिका, दाङ 

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